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बिना बुलाये




बिना बुलाये….(चौपाई)


बिना बुलाये कहीं न जाना।

कभी न अपना मान गँवाना।।

इज्जत ही सबसे प्यारा है।

जीवन का यह धन सारा है।


जो इज्जत का अर्थ समझता।

सावधान हो चलता रहता।।

कभी नहीं समझौता करता।

स्वभिमान पर सहज थिरकता।।


साहस अरु उत्साह भरा है।

अति उमंग का भाव हरा है।।

इज्जत उसकी जीवन नैय्या।

इज्जत ही है महज खेवैया।।


बिना बुलाये जो जाता है।

नहिं कदापि इज्जत पाता है।

कुत्तों जैसा जीवन जीता।

बेईज्जत बन हाला पीता।।


बेईज्जत से बचकर रहना।

उसको निकट कभी मत रखना।।

भले हिलाये पूँछ बेईज्जत।।

कभी न देना उसको इज्जत।।


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1 Comments

Sachin dev

14-Dec-2022 03:31 PM

Well done ✅

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